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वच के फायदे और औषधीय गुण | Sweet Flag (Vach) Benefits in Hindi

वच के फायदे और औषधीय गुण (Sweet Flag (Vach) Benefits in Hindi) बहुत से हैं। मुख्य रूप से बच्चों के लिए अत्यधिक उपयोगी है।

वच एक बहुत ही उपयोगी जड़ी है। घरेलू इलाज में इसका उपयोग गुणकारी होता है। वच नम और तरी वाली जमीन में बारहमास पैदा होने वाली एक पौधे की जड़ है। वच का पौधा होता है। यह दो प्रकार की होती है - घोड़ा वच और बाल वच। औषधि के रूप में घोड़ा वच का ही प्रयोग किया जाता है।

विद्यार्थियों व दिमागी काम करने वालों के लिए इसका सेवन लाभप्रद है। इसका दूसरा कार्य उल्टी कराना है, पसीना लाना, कब्ज नाश करना, ज्वर उतारना, कृमि नष्ट करना और वेदना का शमन करना, वचा का मुख्य कार्य है।

मूर्च्छा, शिथिलता, शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए आवश्यक चेतना और उत्तेजना देने के लिए यह उपयोगी है। यह विपाक में कटु और उष्णवीर्य है। स्वाद में चरपरी, कड़वी और तेज गंध वाली होती है।

स्मरण शक्ति - वच का महीन चूर्ण आधा चम्मच, थोड़े से घी में मिलाकर सुबह और रात को सोते समय चाटकर ऊपर से मीठा दूध पीने से दो-तीन माह में ही स्मरण शक्ति तेज होती है।

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सिर दर्द - वच को पानी में चंदन की तरह पत्थर पर घिसकर कपाल पर लेप करने से सिर दर्द में राहत मिलती है।

पेट के कीड़े - वच का चूर्ण 3 ग्राम, भुनी हुई हींग आधा ग्राम एक कप पानी के साथ तीन-चार दिन तक लेने से पेट के कीड़े बाहर निकल आते हैं।

बवासीर - वच के साथ भांगअजवाइन को आग पर डालकर गुुुदा में इसके धुएं की धूूूनी लेने से बवासीर का दर्द मिटता है।

आंधासीसी - वच और पीपल का बारिक चूर्ण चुटकी में लेकर नसवार की तरह सूंघने से आंधासीसी का दर्द दूर होता है।

पेट दर्द - घर में छोटे बच्चों का पेट फूल गया हो या पेट में दर्द हो तो वच को जलाकर कोयला कर पीस लें। इस चूर्ण को अरंडी या नारियल के तेल में मिलाकर गाढ़ा-गाढ़ा लेप शिशु के पेट पर लेप कर दे।

बच्चों की खांसी - मां के दूध में वच घिसकर आधा चम्मच दिन में तीन-चार बार पिलाने से बच्चे की खांसीज्वर दोनों ही ठीक होंगे।

सूखी खांसी - 25 ग्राम वच को मोटा कूटकर एक गिलास पानी में खूब अच्छी तरह उबाले। ओटने पर उतारकर छान लें। दिन में तीन-चार बार दो बड़े चम्मच यह पानी पीने से सूखी खांसी के अलावा पेट दर्दआफरा भी दूर हो जाता है।


दिमागी थकावट - ब्राह्मी, वचशंखाहुली का महीन चूर्ण बनाकर ब्राह्मी के रस की 3 भाग लेकर सुखा लें। इस चूर्ण की 3 ग्राम मात्रा शहद में मिलाकर या पानी के साथ तीन-चार माह तक लेने से दिमागी थकावट, कमजोरी, बोलते समय आवाज अटकना, शारीरिक शिथिलता, स्मरण शक्ति की कमी आदि रोग दूर हो जाते हैं।

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