कफ व खांसी के अनुभूत उपचार (Treatment of Cough and Cold) बहुत जरूरी है। यह आम दिनों में होने वाली परेशानियों में एक है।
भारतीय जलवायु में मौसम के परिवर्तनशील होने से मनुष्य की शारीरिक तंत्र प्रणाली भी बदलती रहती है। मौसम के बदलाव के साथ ही व्यक्ति विशेष की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है स्वस्थ रहना।
अधिकांशतः हमने यह देखा है और अनुभव किया है कि जब कभी वातावरण में परिवर्तन होना शुरू होता है तो वायरल फीवर का दौर चालू हो जाता है। जिसमें तीन दिन बहुत ही मुश्किल से गुजरते हैं। लेकिन इन दिनों में भी आप घर पर ही आराम करते हुए कुछ घरेलू नुस्खे अजमा सकते हैं जो समस्या को कम करने में सहायक होते हैं।
इस परिवर्तनशील मौसम में अधिकतर लोगों को सर्दी, खांसी एवं कफ की समस्या होने लगती है। साथ ही साथ शरीर में भारीपन महसूस होने के बाद बुखार और थकावट भी आ जाता है।
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1.) पिप्पली, काली मिर्च व सौंठ तीनों औषधियों को बराबर मात्रा में लेना है। तीनों ही औषधियों को मिलाकर पीस लें व पाउडर बना लेवें। अब इसका सेवन 3-3 ग्राम पाउडर के रूप में सुबह - शाम शहद में लेेेना चाहिए।
इन औषधियों की प्रकृति बहुत गर्म होती है। इसलिए अत्यधिक सेवन करने से बचना चाहिए। तीनों पिप्पली, काली मिर्च व सौंठ औषधियों के मिश्रण को उचित मात्रा में नियमित परेशानी रहने तक सेवन करें। नियमित सेवन करने से कफ व खांसी में तुरंत राहत मिलने लगती है। गला साफ होने लगता है। आवज में मधुरता आने लगती है।
2.) हर्रा को तवा में हल्का सा भूंज लेवें। अब सरोते से चना के बराबर साइज में काट लेवें। एक-एक टुकड़ा मुंह में लेकर चूसते रहें। कफ व खांसी में आराम मिलेगा।
3.) नियमित रूप से रोज सुबह एक गिलास गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करें। इससे गले में सिखाई होती है और साथ ही कफ ढीला होकर बाहर निकल आता है।
4.) कोशिश करें इन दिनों में जब मौसम परिवर्तन होता है घर में सभी सदस्य गर्म या कुनकुना पानी पिएं।
5.) सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी पीने के बाद काली चाय पीना चाहिए। जिसमें सभी तरह की औषधि जैसे काली मिर्च, अदरक, नींबू, जो भी उपलब्ध हो डालकर पीने से गले में कफ और खराश मिटती है और गले में खराश और बलगम का घरेलू उपचार संभव होता है।
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