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अमृतधारा - सर्दी, गैस और जलने में उपयोगी | Amritdhara Uses In Hindi

अमृतधारा - सर्दी, गैस और जलने में उपयोगी | Amritdhara Uses In Hindi एक बहुउपयोगी सामग्रियों का मेल है। जैसा की नाम है अमृतधारा यह बहुत ही उपयोगी अमृत की धारा तरह से उपयोग में आती है।

इसमें शुद्ध देसी कपूर, अजवाइन का फूल तथा ठंडाई (पिपरमेंट), ये तीन चीजें होती हैं। इन तीनों सामग्रियों को समान मात्रा में लेकर मिलाना होता है। जो थोड़े ही समय में अपने आप तरल द्रव (लिक्विड) बन जाते हैं। इसे ही अमृतधारा कहा जाता हैं।

हमेशा देखा गया है कि हमारे शरीर में रोगों का उत्पन्न होना अधिकतर अंदरुनी ही रहता है। और ऐसे बहुत से रोगों का उपचार अंदरूनी या बाहरी दोनों ही तरह से करके शारीरिक समस्याओं से निजात पाने का प्रयास करना जरूरी हो जाता है।

अमृतधारा औषधि की यही खासियत है कि यह दोनों ही तरह बाहरी और आंतरिक सुरक्षा प्रदान करता है। जैसी आपकी आवश्यक रहती वैसे ही आप अमृतधारा का स्तेमाल करके शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं।


अमृतधारा के उपयोग - सर्दी में, गैस में तथा जलने में यह बहुत उपयोगी है।

1. सर्दी - सर्दी होने पर अमृतधारा की 2, 4, 6 बूंदें रुमाल में टपकाकर, सूंघने से सर्दी में तत्काल आराम मिलता है। एवं सर्दी ठीक होने लगती है।

2. गैस - एक कप पानी में अमृतधारा की चार से पांच बूंदें टपकाकर पीने से, गैस में राहत मिलती है। पेट के भारीपन में भी राहत मिलती है। और हल्कापन महसूस होने लगता है।

3. त्वचा जलना - जलने पर (बर्निंग केस में) अमृतधारा बहुत उपयोगी है। 100 मिलीलीटर नारियल तेल में अमृतधारा की 20 बूंदें मिला दें। पश्चात उस नारियल तेल को शरीर के जले हुए हिस्से में पक्षी के पंख की सहायता से लगाएं। 

मरीज को जले हुए हिस्से में ठंडक तो लगती ही है साथ ही साथ अन्य ट्यूब या ऑइंटमेंट की अपेक्षा, जला हुआ हिस्सा जल्दी ठीक होता है। बार बार निरंतर लगाने से, जली हुई चमड़ी सामान्य चमड़ी जैसी भी होने लग जाती है।

यह अमृतधारा औषधि, आजकल बाजारों व किसी भी मेडिकल की दुकान में उपलब्ध होने लगी है जिसे अमृतधारा बोलकर लिया जा सकता है।

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धन्यवाद।।

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