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शहतूत फल के फायदे | शहतूत खाने से क्या फायदा? | Mulberry benefits

शहतूत फल के फायदे | शहतूत खाने से क्या फायदा? | Mulberry benefits बहुत से है। और फायदे तो अनेक है। 

शहतूत फल से लोगों को स्वाद और पोषण दोनों का लाभ मिलता है। शहतूत के सेवन से कई बिमारियों का इलाज तुरंत संभव है।

ग्रीष्म ऋतु/ गर्मी के मौसम के फलों में शहतूत का उचित स्थान व उल्लेख है। आयुर्वेद की परिभाषा के अनुरूप शहतूत पचने में हल्का होता है, स्वाद में स्वादिष्ट होता है और मधुर, प्रकृति में शीतल तथा पित्त और वायु को नाश करने वाला होता है। 


इस शहतूत फल को साधारणतः साफ और ताजा भी सेवन किया जा सकता है। इससे शारीरिक तंत्र में स्वछता के अनुरूप लाभ मिलने लगता है। इसका स्वाद सामान्य फलों की तरह ही होता है।

इसलिए विभिन्न रोगों में आयुर्वेद के अनुसार शहतूत गुणकारी साबित होता आया है। इसका शरबत या रस बुखार की हालत में पथ्य का काम करता है तथा आराम प्रदान करता है। 

शहतूत युक्त गुणकारी शरबत खांसी और गले की खराश में भी फायदेमंद है। दिल की कमजोरी में शहतूत का शरबत 25 ग्राम तथा प्रवाल भस्म 2 ग्राम मात्रा में नियमित रूप से दिन में 2 बार सुबह शाम सेवन करने से बलवृद्धि होती है और कमजोरी दूर होती है। 

बहुत से लोगों को गर्मी के मौसम में लाल - पीली पेशाब होती है तो शहतूत का रस, मिश्री या शक्कर के साथ पीना चाहिए। इसका रस मुंह के छालों तथा टांसिल्स में भी चमत्कारी लाभ देता है। नकसीर की शिकायत में शहतूत का रस फायदेमंद रहता है।

गले की खुश्की तथा बार-बार प्यास लगने पर शहतूत के फलों को खायेंगे तो राहत मिलने लगेगी। 

ध्यान दें कि शहतूत का पत्ता जिस पर रेशम का कीड़ा लग चुका हो, वह पीसकर दाद, खुजली, अकौता आदि पर लगाने से इन रोगों से छुटकारा मिल जाता है। 

शहतूत के पत्ते या तने अथवा जड़ की छाल को पीसकर शहद के साथ एक चम्मच भर मात्रा में रोजाना लेने से पेट में होने वाली कृमि निकल जाती है तथा बच्चों की दांत कटकटाने की बीमारी जाती है। 
शहतूत के वृक्ष से निकलने वाला दूधिया रस जख्मों को ठीक करने में प्लास्टर का काम भी करता है। इस तरह शहतूत उपयोगी औषधि व फलों में एक है।

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