Latest

10/recent/ticker-posts

गंगा जल का औषधीय गुण | Importance of GangaJal

गंगा जल का औषधीय गुण | Importance of GangaJal

आरोग्य की दृष्टि से गंगाजल का उपयोग का जो महत्व (Gangajal benefits) है उसे देखकर आधुनिक विज्ञान के वैज्ञानिक एवं चिकित्सक भी आश्चर्यचकित रहते हैं। 

गंगा जी का विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों को यह पता चलता है कि गंगा जल | Ganga water में तांबा, स्वर्ण आदि धातुएं एवं अनेक बहुमूल्य क्षारों की ऐसी संतुलित मात्रा मिलती है जिसका सेवन एक प्रकार से औषधि का काम करता है। 

✓ गंगा नदी के पानी की क्या विशेषता है?

गंगा जल | Ganga water की यह औषधि अच्छे स्वास्थ्य को अधिक बढ़ाने में सहायक होती है। गिरे हुए स्वास्थ्य को गिरने से रोकती है और बीमार व्यक्ति को निरोग बनाने में बहुमूल्य औषधि का काम करता है। 

✓ गंगा जल पीने से क्या फायदा है?
✓ गंगाजल से नहाने से क्या होता है?

अनेक रोगी जो वर्षों तक बहुमूल्य औषधि उपचार करने पर भी रोगमुक्त न हो सके केवल मात्र गंगा जल के सेवन से रोग मुक्त होते देखे गए हैं।

प्राचीन काल के आयुर्वेद ज्ञाता कोढ़ी रोगियों को गंगा के किनारे रहने और निरंतर गंगा जल का सेवन करते रहने की सलाह देते थे और उसका परिणाम भी आशाजनक और आश्चर्यजनक होता था। 

आज शहरों की गंदगी तथा मल-मूत्र पड़ते रहने से गंगा की वह विशेषता नहीं रही और रोगियों को उतना लाभ नहीं होता फिर भी प्राचीन परिपाटी के अनुसार आज भी भारत के अधिकतर कोढ़ रोगी गंगा किनारे निवास करते देखे जा सकते हैं। 

✓ गंगा के पानी में कीड़े क्यों नहीं पड़ती?
✓ गंगा जल पीने से क्या फायदा है?

गंगा जल की एक सबसे बड़ी विशिष्टता यह पाई जाती है कि चिरकाल/अनगिनत वर्षोंं तक इसे किसी शीशी या बर्तन में रखने पर भी यह खराब नहीं होता। यह गुण संसार के किसी अन्य सरोवर या नदी के जल में नहीं पाया जाता है। 

गंगा जल | Ganga water के खराब न होने का कारण यह है कि इसमें विकृति उत्पन्न करने वाले दूषित कीटाणुओं को मार डालने का गुण है। डाक्टरों की टीम ने एक बार परीक्षण किया, जिसमें हैजे के कीटाणु भरी बोतल में गंगा जल डाला गया और उसके परिणामों की जांच की गई। 

यह भी पढ़ें -


डाक्टरों को आशा थी कि विषैले कीटाणुओं से गंगा जल भी वैसा ही विषैला हो जाएगा लेकिन इसके विपरीत परिणाम भिन्न निकला, गंगा जल डालने के बाद हैजे के कीटाणु नष्ट हो गए पर गंगा जल | Ganga water दूषित नहीं हुआ। 

सोच का विषय है कि गंगा जल में यह शुद्धि विशिष्टता न होती तो प्रतिदिन लाखों लोगों का मल-मूत्र जो उसमें पड़ता है उसके कारण उसका जल रोग उत्पन्न करने वाला हो गया होता किंतु ऐसा नहीं हुआ। 

गंगा नदी व गंगा जल की पवित्रता तो अभी भी बनी हुई है, पर प्रतिदिन पड़ने वाली गंदगी को नष्ट करने में उस जल के गुणकारी तत्त्व तो नष्ट होते हैं साथ ही उसकी आरोग्यवर्धक शक्ति भी घटती है। 

स्वास्थ्य की दृष्टि में अब वहीं गंगा जल उपयोगी माना जाता है जो हिमालय के भागों में उपलब्ध है। जहां मल-मूत्र का मिश्रण नहीं हो पाता है। संग्रहणी, वायु विकार, श्वास रोग, मिरगी, मूत्र रोग, हृदय रोग, रक्तचाप, वीर्य वयस्क रजविकारों में गंगा जल का विशेष असर देखा जाता है। वैसे लाभ तो गंगा जल सभी रोगों में करता है। 

शारीरिक व्याधियों को दूर करने के साथ-साथ मानसिक विकारों को दूर करने में भी गंगा जल का बहुत बड़ा योगदान है। कहा भी गया है कि औषधि जाहवी तोयं वैद्यो नारायणः हरिः।। अर्थात आध्यात्मिक रोगों की दवा गंगा जल है और इन रोगों के रोगियों के चिकित्सक नारायण हरि परमात्मा हैं। 

✓ घर में गंगा जल छिड़कने से क्या होता है?

सूक्ष्म दृष्टि से देखा जाए तो गंगा जल में आरोग्य वृद्धि का विशेष गुण है। उसकी कल-कल ध्वनि कानों को पवित्र करती है। उसके दर्शन से नेत्रों की कुवासनाएं शांत होती हैं, उसकी समीपता से मन के कुविचारों पर अंकुश लगता है। उसके स्नान और पान से अंत: करण की भावनाएं जागृत होती हैं। 

फ्रांस के डॉ.डी.हेरेल ने गंगा जल का वैज्ञानिक परीक्षण किया तो उन्होंने पाया कि इस जल में संक्रामक रोगों के कीटाणुओं को मारने की जबरदस्त शक्ति है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि एक गिलास में किसी नदी या कुएं का पानी लें जिसमें कोई कीटाणुनाशक तत्त्व न हो, उसे गंगा जल में मिला दें तो गंगा जल के कृमिनाशक कीटाणुओं की संख्या बढ़ जाती है। जिससे सिद्ध होता है कि गंगा जल | Ganga water में ऐसा कोई विशेष तत्त्व है जो किसी भी मिश्रण वाले जल को अपने समान ही बना लेता है। 

यही कारण है कि 1557 मील लंबी गंगा नदी में गोमती नदी, घाघरा नदी, सोन नदी, यमुना नदी, गंडक नदी और हजारों बड़ी-छोटी नदियां मिलती हैं फिर भी गंगा जल की यह कृमिनाशक क्षमता अक्षुण्ण बनी रही है। यह एक प्रकार का प्राकृतिक चमत्कार ही है।

डॉ. डी. हेरेल ने अपने प्रयोगों से सिद्ध करा है कि गंगा जल में टीबी, अतिसार, संग्रहणी, हैजा के जीवाणुओं को मारने की शक्ति विद्यमान है। गंगा जल के कीटाणुओं की सहायता से ही उन्होंने सुप्रसिद्ध औषधी 'बैक्टीरियों फैज' का निर्माण किया और जो कि ऊपर बताई गई सभी बीमारियों के लिए सारे संसार में लाभप्रद सिद्ध हुई। 

आयुर्वेद में गंगा जल को शरीरिक और मानसिक रोगों का निवारण करने वाला और आरोग्य तथा मनोबल बढ़ाने वाला बताया गया है। कहा गया है कि गंगा जल अमृत के तुल्य, बहुगुण युक्त, पवित्र, उत्तम, आयु को बढ़ाने वाला, सर्वरोगनाशाक, बल-वीर्यवर्धक, हृदय को हितकर, दीपन, पाचन, रूचिकारक मीठा, उत्तमपश्य और लघु होता है तथा भीतरी दोषों का नाशक बुद्धिजनक, तीनों दोषी का नाश करने वाला सब जलों में श्रेष्ठ है। 

अब हम गंगाजल की कीमत पोस्ट आफिस | Gangajal price in Post Office में देख गंगाजल पोस्ट आफिस से खरीद | Buy Gangajal from post Office सकते हैं।

गंगाजल आनलाईन पंजीयन | Gangajal water online करके भी बुलवाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें -

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ